पीरियड्स में महिलाओं को किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है ?

How to get rid of problems during the periods or Menstrual Cycle

Menstrual Cycle यानी मासिक धर्म क्या होता है और किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है उसके क्या उपचार है इन सबकी जानकारी होना बेहद जरुरी है इसको कई तरह के नाम से जाना जाता है जैसे पीरियड्स,माहवारी, रजोधर्म आदि।

हार्मोनल बदलाव की वजह से महिलाओं के शरीर में गर्भाशय से रक्त और अंदरूनी हिस्से से ब्लड डिस्चार्ज (स्त्राव) होता है जिसे मासिक धर्म कहते है। और यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है कुछ लड़कियों को 12 से 13 साल की उम्र में पीरियड्स आने शुरू हो जाते है तो कुछ लड़कियों को पहले या बाद की उम्र में भी मासिक धर्म आना शुरू हो जाता है।

मासिक धर्म की सामान्य अवधि

मासिक धर्म की प्रक्रिया हर महीने होती है कुछ लड़कियों को पीरियड्स 4 से 5 दिन तक तो कुछ को ये ज्यादा दिन तक होते है। मासिक धर्म शुरू होने के बाद लड़कियों के अंडाशय पूरी तरह से विकसित हो जाते है हर महीने औरत का शरीर अपने आपको गर्भधारण के लिए तैयार करता है अगर कोई महिला मासिक धर्म के आसपास यौन संबंध नहीं बनाती हैं तो गर्भाशय की मोटी परत टूट कर रक्त स्त्राव के जरिये हर महीने बाहर निकल जाती है। परन्तु अगर महिला गर्भधारण कर लेती है तो उसका मासिक धर्म 9 महीने के लिए बंद हो जाता है।

कुछ लड़कियों को शुरू शुरू में अनियमित पीरियड्स का भी सामना करना पड़ता है वैसे तो सामान्य मासिक धर्म लगभग 28 से 30 दिन तक आ जाता है परन्तु शुरुआत में पीरियड्स का इधर उधर होना आम बात है और धीरे धीरे ये चक्र ठीक होने लगता है परन्तु अगर न ठीक हो और ब्लड ज्यादा डिस्चार्ज हो तो एक बार डॉक्टर से जरूर परामर्श करे।

पीरियड्स में होने वाली समस्याएं

 

ऐंठनभरी दर्द

वैसे तो पीरियड्स आने से महिलाएं परेशान ही रहती है और कुछ लड़कियों को तो पीरियड्स आने से पहले ही निचले उदर में ऐंठनभरी दर्द, कम या ज्यादा भूख, पैरों में दर्द, स्तनों में भारीपन जैसी समस्याएं महसूस होती है यहां तक की Menstrual Cycle में स्त्रियों को भारी पीठ दर्द का भी सामना करना पड़ता है।

मूड स्विंग्स (Mood Swings)

इन दिनों कुछ लड़कियों के स्वभाव में भी परिवर्तन देखने को मिलता है जैसे चिड़चिड़ापन, बेचैन रहना आदि।

लम्बा मासिक धर्म

सामान्य मासिक धर्म तो करीबन 6 , 7 दिन तक चलता है या इससे कम, परन्तु अगर पीरियड्स 7 दिन से ज्यादा चले तो उससे लम्बा मासिक धर्म कहा जाता है इस तरह कई महिलाओं को इस तरह की भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

पीरियड्स में क्या करे ?

1).  अगर आपको पीरियड्स में पेट के निचले हिस्से में ज्यादा दर्द होती है तो आप अपनी उँगलियों से हल्की मसाज करे इससे आपको रहत मिलेगी।

2).  मासिक धर्म में गुनगुने पानी से स्नान करे।

3).  खाने में ज्यादा से ज्यादा फल और हरी सब्जियाँ शामिल करे, थोड़े थोड़े समय बाद कुछ खाये ताकि आपको कमजोरी महसूस न हो।

4). ज्यादा दर्द महसूस होने पर साधारण पानी की जगह अजवाइन वाला पानी पिए, इससे आपको भारी दर्द से रहत मिलेगी।

5). पीरियड्स के दौरान ज्यादा भारी समान उठाने से बचे और ज्यादा तंग कपडे न पहने क्योकि इससे आपको चिड़चिड़ापन महसूस हो सकता है।

6). अपने सेनेटरी पैड को कुछ समय बाद जरूर चेंज करे ताकि आप संक्रमण से सुरक्षित रहे।

7). पीरियड्स में लड़कियों को सिर्फ ब्लीडिंग ही नहीं बल्कि कई बार तो साथ में ब्लड क्लॉट्स भी आते है अगर ब्लड क्लॉट्स ज्यादा आये तो डॉक्टर से जरूर सलाह लें।

हार्मोंस में परिवर्तन

मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान यहां तक की कुछ दिन पहले ही लड़कियों में एस्ट्रोजन नामक हार्मोन बढ़ने लगता है जोकि शरीर को तंदरुस्त और तरोताजा रखता है एस्ट्रोजन नामक हार्मोन बढ़ने से हड्डियों को मजबूती मिलती है इसी हार्मोन की वजह से गर्भाशय की अंदरूनीपरत सॉफ्ट बनती है और जब महिला गर्भवती होती है तो ये परत में भ्रूण पोषण पाकर विकसित होता है ये परत टिशू और रक्त से बनी होती है। इस दौरान महिलाओं को सही पीरियड्स आना भी जरुरी है ताकि उनका शरीर स्वस्थ रहे।